Panjatan Pak

Thursday, 6 June 2013

Asslamualequm to Momin Brothers & Sisters & Good Morning To Rest of them



एक लतीफा आपके मूड को ठीक करने के लिए

बनिये ने शेख को खून दे के उसकी जान बचाई, शेख ने उसे मर्सडीज गिफ्ट कर दिया...

शेख को फिर खून की ज़रुरत पड़ी, बनिये ने फिर खून दिया...

अबकी बार शेख ने तिल वाले लड्डू गिफ्ट किये...
...
बनिया गुस्से से: "मर्सडीज क्यों नहीं दी?"

शेख: "मुन्ना, अब हमारे अंदर भी बनिये का खून दौड़ रहा है"

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